मौत से जूझता सांसों का फलसफा देखा .
कांपती डाल पे चिड़िया का घोंसला देखा.
दर्द के गांव में लाई थी ज़िंदगी मुझको .
मुद्द्तों तक ये मुसीबत का सिलसिला देखा.
ज़िंदगी एक दिन नज़दीक से देखी मैंने .
खेल ही खेल में गुब्बारा फूटता देखा.
एक लम्हे में फलक नाप लिया करता था जो.
एक दिन छत पे तड़पता वो परिंदा देखा.
कौन सी फ़िक्र तड़प फांस सी चुभी थी दिल में .
रात में जब भी उसे देखा "जागता देखा".....!!
😔
कांपती डाल पे चिड़िया का घोंसला देखा.
दर्द के गांव में लाई थी ज़िंदगी मुझको .
मुद्द्तों तक ये मुसीबत का सिलसिला देखा.
ज़िंदगी एक दिन नज़दीक से देखी मैंने .
खेल ही खेल में गुब्बारा फूटता देखा.
एक लम्हे में फलक नाप लिया करता था जो.
एक दिन छत पे तड़पता वो परिंदा देखा.
कौन सी फ़िक्र तड़प फांस सी चुभी थी दिल में .
रात में जब भी उसे देखा "जागता देखा".....!!
😔