"उन्हें देखा तो"
(भाग-1)
कुछ ज्यादा तो नहीं बता पाउँगा मैं....
क्योंकि मैंने सिर्फ हाथ ही तो देखे है आपके...😊
लेकिन इतना यकीं के साथ कह सकता हूँ, की आप वाकई अलग हो सबसे😇
एक मित्र के माध्यम से मिली थी ये तस्वीर।
"देखा और बस देखता ही रह गया....😍"
शुरुआत खूबसूरत थी, बेहद खूबसूरत!!
रंग ऐसा मानो एक बाल्टी दूध में दो चुटकी चायपत्ती मिला दी गई हो....😊
उसपे ये लाल वस्त्र मानो परमात्मा ने ये लाल रंग आपके लिए ही भेजा हो धरातल पे..!आँखे वहाँ से हटाई तो धातु के बने कड़े ने बांध लिया,
गोरे हाथो पे दूज की चाँद जैसा आकार बनाता हुआ कडा खुद पे इठला रहा था..💞खैर कैसे भी बचते-बचाते हुए मोबाईल स्क्रीन को बंद करके रखने वाला ही था...!
की अचानक बेचारे छल्ले पे नजर पड़ी...🤔मोती........!
छोटी अंगुली में उलझा हुआ ये बेचारा दीन-हिन सा प्रतीत हो रहा था...!
इस रंग के सामने मानो मोती की कोई औकात ही न हो....😊
वाकई खूबसूरत
(क्रमशः)